Zero-Based Budgeting क्या है? Pros & Cons आसान भाषा में समझें 2025
Zero-Based Budgeting क्या होता है?
Zero-Based Budgeting (ZBB) एक ऐसा बजटिंग तरीका है जिसमें आप हर महीने अपनी इनकम को “शून्य” से शुरू करके खर्चों को प्लान करते हैं।
मतलब: हर महीने का बजट शून्य से शुरू होता है और आपको हर खर्च का justification देना पड़ता है। मैं जानता हूं ये थोड़ा मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है
इसमें आप पुराने खर्चों को ध्यान में नहीं रखते, बल्कि हर खर्च को नए सिरे से प्लान करते हैं।
Zero-Based Budgeting कैसे काम करता है?
आपकी आय से शुरुआत होती है (मान लीजिए ₹50,000)
फिर हर खर्च को एक-एक करके लिखना होता है – जैसे किराना, बिजली का बिल, ट्रांसपोर्ट, बचत, मनोरंजन आदि
जब सारे खर्च जोड़ देते हैं, तो अंत में बजट का कुल योग आपकी आय के बराबर होना चाहिए, यानी कुल खर्च + बचत = कुल आय
अगर कहीं ज्यादा खर्च हुआ तो आपको कहीं कटौती करनी होगी
Zero-Based Budgeting के फायदे (Pros)
-
सभी खर्चों पर पूरा ध्यान
हर खर्च को justify करना पड़ता है, इसलिए अनावश्यक खर्च कम होते हैं। -
फिजूलखर्ची खत्म
खर्चों की सही प्लानिंग होती है, जिससे पैसे की बचत होती है। -
बचत पर फोकस
बचत को बजट में पहले रखा जाता है, इसलिए पैसे बचाना आसान होता है। -
महीने के अंत में बजट पूरा होता है
आपका खर्च हमेशा आपकी इनकम के अनुसार रहता है, जिससे डिफॉल्ट में डूबने का डर नहीं रहता। -
फाइनेंशियल कंट्रोल बढ़ता है
हर खर्च पर आपकी नजर रहती है, जिससे पैसा सही जगह लगता है।

Zero-Based Budgeting के नुकसान (Cons)
-
समय और मेहनत लगता है
हर महीने हर खर्च का हिसाब किताब करना थोड़ा टाइम-consuming होता है। -
लचीलेपन की कमी
कभी-कभी अचानक खर्च आ जाए तो बजट में बदलाव करना मुश्किल हो सकता है। -
परफेक्ट ट्रैकिंग जरूरी
बिना सही ट्रैकिंग के बजट सही से नहीं चलता, और ये थकाने वाला हो सकता है। -
हर खर्च पर सवाल उठना
कभी-कभी ये तरीका आपको और आपके परिवार को थकाता भी है क्योंकि हर खर्च justify करना पड़ता है।
कौन इस्तेमाल करे Zero-Based Budgeting?
जो लोग पैसे पर पूरा कंट्रोल रखना चाहते हैं
जिनकी आय फिक्स्ड या सीमित है
जो पैसे बचाने के लिए सख्त प्लान बनाना चाहते हैं
जिनको खर्च कम करने में दिक्कत होती है
Zero-Based Budgeting कैसे शुरू करें?
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अपनी कुल इनकम जानिए (सैलरी, फ्रीलांसिंग या बिज़नेस आय)
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सभी खर्चों को लिखिए – बड़ा हो या छोटा
-
हर खर्च के लिए justification दीजिए – क्या ये जरूरी है?
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बजट को इनकम के बराबर बनाएँ
-
महीने के दौरान खर्च रिकॉर्ड करें और बजट से मैच करें
-
महीने के अंत में समीक्षा करें और जरूरत के हिसाब से बदलाव करें
निष्कर्ष (Conclusion)
Zero-Based Budgeting एक शानदार तरीका है अगर आप पैसे पर पूरा कंट्रोल चाहते हैं और अपनी फाइनेंशियल सेहत सुधारना चाहते हैं। हालांकि, इसे फॉलो करना थोड़ा मेहनत वाला हो सकता है, लेकिन इसके फायदे आपको लंबे समय में फायदे देंगे। मैं जानता हूं ये थोड़ा मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है|
अगर आप पैसे बचाने और खर्च सही से मैनेज करने में सच में रूचि रखते हैं, तो ज़रूर Zero-Based Budgeting को अपनाएं।
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